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Hijab Row: हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते होगी सुनवाई, कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को दी गई है चुनौती

Hijab Row: हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते होगी सुनवाई, कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को दी गई है चुनौती
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<p><strong>SC on Hijab Controversy:</strong> सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कर्नाटक हिजाब मामले (Karnataka Hijab Row) को अगले हफ्ते सुनवाई के लिए लगाया जाएगा. कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले एक याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने आज मामले पर जल्द सुनवाई के अनुरोध किया था. इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमना (CJI NV Ramana) ने अगले हफ्ते सुनवाई का भरोसा दिया. इससे पहले 26 अप्रैल को भी कोर्ट ने मामले पर जल्द सुनवाई की बात कही थी. लेकिन गर्मी की छुट्टियों से पहले मामला लग नहीं पाया. आज याचिकाकर्ता ने फिर सुनवाई का अनुरोध कोर्ट में रखा.</p> <p><strong>क्या है मामला?</strong></p> <p>15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह भी कहा था कि स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म के पूरी तरह पालन का राज्य सरकार का आदेश सही है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने हिजाब को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हिस्सा बता रहे छात्रों की याचिका खारिज कर दी थी.</p> <p><strong>सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला</strong></p> <p>हाई कोर्ट का फैसला आते ही कर्नाटक के उडुपी की रहने वाली 2 छात्राओं मनाल और निबा नाज ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. इसके अलावा फातिमा सिफत समेत कई और छात्राओं ने भी उसी दिन अपील दाखिल कर दी. इन याचिकाओं में कहा गया कि हाईकोर्ट का फैसला संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत हर नागरिक को हासिल धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन करता है. जिस तरह मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सिखों को हेलमेट पहनने से छूट दी गई है. उसी तरह मुस्लिम लड़कियों को भी स्कूल कॉलेज में हिजाब पहनने से नहीं रोका जाना चाहिए.&nbsp;</p> <p><strong>हिजाब मामले में और किसने की है याचिका दाखिल?</strong></p> <p>हिजाब विवाद (Hijab Controversy) में इन छात्राओं के अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB), समस्त केरल जमीयतुल उलेमा जैसी संस्थाओं ने भी याचिका दाखिल की है. मामले में याचिका दाखिल करने वाले वकीलों ने इससे पहले 3 बार तुरंत सुनवाई की कोशिश की थी. उन्होंने कहा था कि छात्राओं की पढ़ाई पर हाईकोर्ट के फैसले का असर पड़ रहा है. हिजाब को अनिवार्य मानने वाली यह लड़कियां परीक्षा में भी शामिल नहीं हो पा रही हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले को तुरंत सुनवाई के लिए लगाना जरूरी नहीं माना था.</p> <p><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p> <p><strong><a title="Bulldozer Action: 'बुलडोजर' कार्रवाई पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार, 10 अगस्त को होगी अगली सुनवाई" href="https://ift.tt/nhOfbjo" target="">Bulldozer Action: 'बुलडोजर' कार्रवाई पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार, 10 अगस्त को होगी अगली सुनवाई</a></strong></p> <p><strong><a title="Rhea Chakraborty Drugs Case: सुशांत की लत के लिए गांजा-चरस का ऑर्डर देती थी रिया, NCB की चार्जशीट में भाई शौविक का भी नाम" href="https://ift.tt/dnHorhg" target="">Rhea Chakraborty Drugs Case: सुशांत की लत के लिए गांजा-चरस का ऑर्डर देती थी रिया, NCB की चार्जशीट में भाई शौविक का भी नाम</a></strong></p> <p>&nbsp;</p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/HC5WbZA

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