MASIGNASUKAv102
6510051498749449419

West Bengal Politics: अर्जुन सिंह की घर वापसी पर टीएमसी और बीजेपी में तनातनी, जानिए पर्दे के पीछे की पूरी कहानी

West Bengal Politics: अर्जुन सिंह की घर वापसी पर टीएमसी और बीजेपी में तनातनी, जानिए पर्दे के पीछे की पूरी कहानी
india breaking news
<p style="text-align: justify;"><strong>Arjun Singh Story:</strong> पश्चिम बंगाल में बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह रविवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. अर्जुन सिंह का पार्टी में स्वागत करते हुए, अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उन्होंने टीएमसी परिवार में शामिल होने के लिए बीजेपी की विभाजनकारी ताकतों को खारिज कर दिया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि देश भर के लोग पीड़ित हैं और उन्हें अब पहले से कहीं ज्यादा हमारी जरूरत है. आइए लड़ाई को जीवित रखें.</p> <p style="text-align: justify;">अर्जुन सिंह की घर वापसी पर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने जमकर टीएमसी निशाना साधा और कहा कि उस पार्टी से उनका पहले से ही लगाव था और फिर उन्होंने उन्हें छोड़ दिया, अगर वह उन्हें छोड़ सकते हैं तो 3 साल बाद इस पार्टी को छोड़ने के बारे में बड़ी बात क्या है. यह आना जाना तो अब भारत और पश्चिम बंगाल की राजनीती का मानो एक हिस्सा बन चुका है और हर आने जाने वाले का कोई न कोई कारण होता है, कुछ पहले चले गए तो कुछ बाद में. ये सब तो चलता ही रहेगा, जिस तरीके से वहां से आए थे वैसे ही यहां से चले गए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>टीएमसी के दबाव की वजह से खोए 200 कार्यकर्ता</strong></p> <p style="text-align: justify;">दिलीप घोष ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं की मौत आरोप टीएमसी पर लगाया है. उन्होंने कहा कि उन सब पर जिस प्रकार का प्रशासनिक दबाव था वो दवाब कार्यकर्ता सह नहीं पाए. जो हिम्मत के साथ रहे भी, उनके लिए पुलिस के साथ लड़ाई करके रहना बहुत कठिन था. यही कारण है कि हमने 200 से ज्यादा कार्यकर्ता खोए हैं. इस पार्टी में आने के बाद अर्जुन सिंह पे लगातार मामले चले और अत्याचार हुए. जो विधायक व्यवसायी थे उन्होंने तुरंत ही दल छोड़ दिया क्योंकि उनके व्यापार ठप कर दिए जा रहे थे. अर्जुन सिंह का भी व्यवसाय ठप ही करवा दिया गया था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>बंगाल इमाम एसोसिएशन ने अर्जुन सिंह को टीएमसी शामिल किए जाने पर किया तंज</strong></p> <p style="text-align: justify;">बंगाल इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद ने कहा कि अर्जुन सिंह पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया था और उन्होंने नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) के पक्ष में मतदान किया था. उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह पर बैरकपुर में सांप्रदायिक हिंसा का हवाला देने का आरोप है. उन पर टीएमसी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का आरोप है. अर्जुन ने संसद में सीएए को वोट दिया था. क्या वह अपना वोट वापस लेंगे? इसके अलावा, उन्होंने अर्जुन सिंह को बंगाल विरोधी और बंगाली विरोधी कहा. उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह बंगाल और बंगाली विरोधी हैं. अर्जुन ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में अज़ान बजाने के खिलाफ याचिका दायर की थी. क्या वह याचिका वापस लेंगे? उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह और बाबुल सुप्रियो जैसे सांप्रदायिक लोगों को तृणमूल कांग्रेस में शामिल किया जा रहा है. हम पार्टी के इस कदम की निंदा करते हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>अर्जुन सिंह की घर वापसी से बंगाल की राजनीती में मची हलचल</strong></p> <p style="text-align: justify;">कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने अर्जुन सिंह पर सवाल उठाते हुए कहा कि तृणमूल छोड़ कर बीजेपी में क्यों गए और बीजेपी छोड़ कर तृणमूल में क्यों गए यह उनका निजी मामला है. ये तो आए राम और गए राम &nbsp;की राजनीती है, ये पश्चिम बंगाल में कभी नहीं थी. वोट के समय सोचेंगे लोग उनको वोट देंगे तो लोग साधारण लोगों को वोट नहीं देते हैं. लोग एक प्रतीक को वोट देते हैं. मैं बीजेपी का विरोधी हूं. मेरा बीजेपी के साथ राजनैतिक सम्बन्ध आज का नहीं हैं बहुत पुराना है. मेरा मानना है कि बीजेपी फासीवादी राजनीतिक दल में से एक है. इस दल में किसी भी लोगों का रहना संभव नहीं है तो अब मुझे यह समझ नहीं आ रहा की वो ऐसे दल में गए ही क्यों. ये दल बदलने की राजनीति बंद न हुई तो बंगाल की राजनीति बहुत बुरी तरह से कलंकित होगी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>बदमाशों का आखिरी सहारा राजनीति है</strong></p> <p style="text-align: justify;">सीपीएम के दिग्गज और वाम मोर्चे के अध्यक्ष बिमान बोस का कहना है कि अर्जुन सिंह को मैं तब से जनता हूं जब वो कांग्रेस में थे. कांग्रेस ने अर्जुन सिंह के ज़िम्मेदारी पर जो दफ्तर बनवाया था रात भर में वो दफ्तर तृणमूल का हो गया जब वो कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल में शामिल हो गए. फिर जब वे तृणमूल छोड़ कर बीजेपी में गए तब वो रात भर में बीजेपी का दफ्तर बन गया. अब जब तृणमूल छोड़ कर बीजेपी में गए है तो अब वापस वो दफ्तर तृणमूल का हो जायेगा अर्थात एक इंसान जो राजनीती कर रहे है और सांसद है और वो अब जब इस तरह से दल बदलेंगे तो उन पर ज़्यादा बोलना ठीक नहीं है. यह सब देखते ही किसी ने कहा था कि बदमाशों का आखिरी सहारा है राजनीति.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कोई आए कोई जाए लड़ाई जारी है</strong></p> <p style="text-align: justify;">बीजेपी नेता सौमित्र खान ने कहा कि अर्जुन सिंह का सारा व्यापार तृणमूल ने बंद करवा दिया. उन्होंने कहा कि अगर अब इस तृणमूल कांग्रेस को नहीं हटा पाए तो हम कभी भी बंगाल को सहज और शांत बंगाल नहीं बना पाएंगे. हम सब को एक साथ होना होगा. तृणमूल को हराना होगा. अर्जुन सिंह के इस तरह से तृणमूल में शामिल होने को मैं मानता हूं कि आज राजनीति की मृत्यु हुई है. अर्जुन सिंह अपनी खुद की राजनैतिक मृत्यु कर के अपने भाई के लिए व्यापार का रास्ता खोल दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लड़ाई कर रही है और करती रहेगी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>टीएमसी ने दिल खोल कर अर्जुन सिंह का किया स्वागत</strong></p> <p style="text-align: justify;">तृणमूल कांग्रेस ने घर लौटे अर्जुन सिंह का दिल खोलकर स्वागत किया. टीएमसी सांसद सौगत रॉय की मौजूदगी में अर्जुन सिंह ने फिर एक बार ममता बनर्जी का दामन थामा. सौग राय ने कहा कि अर्जुन सिंह को छोड़ कर भी हमने विधानसभा चुनाव जीता है. उन्होंने सोचा कि वो अब हमसे दूर नहीं रह सकते इसलिए वापस आए हैं. बीजेपी अब खत्म हो रही है. वहीं टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी में उस तरह से काम करने की व्यवस्था नहीं है और अगर लोगों के उपकार के लिए काम करना है तो ममता बनर्जी के नेतृत्व में ही काम करना होगा. ममता बनर्जी और दल दोनों को लगा की उनके आने से दल की उनत्ति होगी इसलिए उनको फिर एक बार शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में काम करने की जगह नहीं है. लेकिन जो काम ममता बनर्जी खुद करती है उसी तरह उन्होंने हमे भी लोगो के लिए काम करना सिखाया है. इसलिए हम उनके दिखाए रास्ते पर काम करते हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>2019 में टीएमसी छोड़ बीजेपी का दामन थामा</strong></p> <p style="text-align: justify;">अर्जुन सिंह टीएमसी में लौटने वाले सबसे बड़े नेताओं में से हैं. उन्होंने 2019 में लोकसभा और 2021 में विधानसभा के चुनाव से पहले बीजेपी के लिए टीएमसी को छोड़ दिया था. विधानसभा चुनाव में टीएमसी की शानदार जीत के एक महीने के भीतर, ममता के लेफ्टिनेंट मुकुल रॉय ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया और टीएमसी नेतृत्व की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हो गए. उनके बाद राजीव बनर्जी, जॉयप्रकाश मजूमदार, बाबुल सुप्रियो सहित कई अन्य लोग टीएमसी में शामिल हुए थे. हालांकि &nbsp;टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार अर्जुन &nbsp;सिंह की घर वापसी की तुलना मुकुल रॉय के पैमाने से ही की जा सकती है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>अर्जुन सिंह की घर वापसी ने क्यों हिला दी राजनीति</strong></p> <p style="text-align: justify;">अर्जुन सिंह ने राजनीति में अपने पिता सत्यनारायण सिंह का अनुसरण किया, जो बैरकपुर में एक प्रसिद्ध कांग्रेस कार्यकर्ता थे. साल 1995 में &nbsp;सिंह कांग्रेस के टिकट पर भाटपारा नगरपालिका के लिए चुने गए. लेकिन उन्होंने साल 1998 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और ममता बनर्जी के साथ शामिल हो गए. अर्जुन सिंह का परिवार मूल रूप से बिहार के सीवान जिले से ताल्लुक रखता है, एक ऐसा कनेक्शन जिसने उन्हें उत्तर 24 परगना के औद्योगिक क्षेत्र में टीएमसी संगठन बनाने में मदद की, जहां अधिकांश मतदाता बिहार और उत्तर प्रदेश के हिंदी भाषी प्रवासी हैं. 2001 में, वह भाटपारा से टीएमसी विधायक बने और इसके बाद सीट से तीन बार और जीत हासिल की. उन्होंने टीएमसी की हिंदी विंग का भी नेतृत्व किया और उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पंजाब में पार्टी के प्रभारी थे.</p> <p style="text-align: justify;">मार्च 2019 में, लोकसभा चुनाव से पहले,बीजेपी को एक बढ़ती ताकत के रूप में देखा गया, सिंह ने टीएमसी विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए. उनका जाना टीएमसी के लिए एक झटका साबित हुआ, जिसने बैरकपुर औद्योगिक क्षेत्र और बड़े उत्तर 24 परगना में अपना संगठन खो दिया. उस साल अर्जुन सिंह ने टीएमसी के दिनेश त्रिवेदी को हरा दिया और बैरकपुर से सांसद चुने गए. एक 'मजबूत आदमी' के रूप में देखे जाने वाले सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार, हत्या के प्रयास, धोखाधड़ी और दंगों के आरोपों सहित कई आपराधिक मामले हैं.</p> <p style="text-align: justify;">बीजेपी में शामिल होने के एक साल बाद 2020 में भाटपारा नैहाटी सहकारी बैंक के अध्यक्ष के रूप में उन पर फर्जी कार्य आदेशों के खिलाफ ऋण स्वीकृत करने और कथित रूप से धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया था. बाद में उन्हें बैंक के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. इसी साल बैरकपुर में टीएमसी के युवा नेता धर्मेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या करने के बाद उन पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था. हालांकि सिंह को राज्य सीआईडी और पुलिस ने इनमें से कई मामलों में तलब किया था, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था. इन सभी मामलों की जांच जारी है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढें: <a title="West Bengal Politics: अर्जुन सिंह की घर वापसी से बंगाल BJP में हलचल तेज, जानिए क्या है KDSA?" href="https://ift.tt/CYErBS2" target="">West Bengal Politics: अर्जुन सिंह की घर वापसी से बंगाल BJP में हलचल तेज, जानिए क्या है KDSA?</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढें: <a title="अर्जुन सिंह के पार्टी छोड़ने पर अलर्ट BJP, असंतुष्ट नेताओं को लेकर की बड़ी बैठक" href="https://ift.tt/wYiyxVB" target="">अर्जुन सिंह के पार्टी छोड़ने पर अलर्ट BJP, असंतुष्ट नेताओं को लेकर की बड़ी बैठक</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/JMRr9Vc

Related Post

Leave your opinion on it.
:)
:(
hihi
:-)
:D
=D
:-d
;(
;-(
@-)
:P
:o
-_-
(o)
[-(
:-?
(p)
:-s
(m)
8-)
:-t
:-b
b-(
:-#
=p~
$-)
(y)
(f)
x-)
(k)
(h)
(c)
cheer
(li)
(pl)