Krishna Janmabhoomi Row: मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की याचिका पर सुनवाई को अदालत ने दी मंजूरी
<p style="text-align: justify;">मथुरा जिला अदालत ने शाही <a title="ईद" href="https://ift.tt/AKXHjrz" data-type="interlinkingkeywords">ईद</a>गाह मस्जिद हटाने पर निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई की इजाजत दे दी है. वकील मुकेश खंडेलवाल ने कहा, वादी ने निचली अदालत में मुकदमा दायर किया था और देखा था कि वादी को मुकदमा करने का अधिकार नहीं है. मथुरा जिला अदालत के सामने पुनर्विचार की याचिका दायर की गई थी. कोर्ट ने अब कहा कि निचली अदालत का आदेश गलत है और इस पर रोक लगा दी है. </p> <p style="text-align: justify;"><br />सुप्रीम कोर्ट की वकील रंजना अग्निहोत्री सहित छह अन्य कृष्णभक्तों ने विराजमान ठाकुर को वादी बनाते हुए उनकी ओर से मथुरा के सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में सितंबर 2020 में यह दावा किया था कि साल 1969 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा समिति एवं शाही ईदगाह इंतजामिया कमेटी के बीच जो समझौता हुआ था, वह पूरी तरह से अवैध था, क्योंकि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा समिति को इस प्रकार का कोई भी करार करने का कानूनी हक ही नहीं था.</p> <p style="text-align: justify;"> अग्निहोत्री के अनुसार संबंधित समझौता और अदालत की ओर से इस संबंध में दी गई डिक्री पूरी तरह से अवैध है. इसलिए इसे निरस्त कर शाही ईदगाह को उसकी जमीन से हटा दिया जाए और उक्त समस्त भूमि उसके वास्तविक मालिक श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को दे दी जाए, लेकिन अदालत ने उनकी यह मांग खारिज कर दी.</p> <p style="text-align: justify;"> इसके बाद जिला जज की अदालत से भी यह मामला खारिज कर दिया गया. रंजना अग्निहोत्री आदि ने उसी वर्ष अक्तूबर माह में जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिस पर 4 मई को सुनवाई पूरी हो गई. रंजना अग्निहोत्री आदि द्वारा दावा पेश किए जाने के बाद से अब तक मथुरा की विभिन्न अदालतों में इसी विषय पर एक दर्जन से अधिक मामले दाखिल किए जा चुके हैं, जिन पर लगातार सुनवाई जारी है.</p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/GrInS8R
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