Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर इतना बवाल क्यों? क्या मंदिर को तोड़कर बनाई गई मस्जिद? जानें पूरा मामला
<p style="text-align: justify;"><strong>Varanasi Gyanvapi Mosque:</strong> वाराणसी में कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी और सर्वे होने जा रहा है. समझने की कोशिश करते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर इतना बवाल क्यों हो रहा है. क्यों ये मसला पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल श्रृंगार गौरी का मंदिर जो ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद है और मस्जिद की दीवार से सटा हुआ है. हिंदू समाज के ज्यादातर लोगों का कहना है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है.</p> <p style="text-align: justify;">हिंदू पक्षकारों का कहना है कि पहले यहां मंदिर हुआ करता था. दावा तो ये भी किया जा रहा है कि यहां बजरंग बली की मूर्ति है, साथ ही अंदर गणेश जी की भी मूर्ति है. इसके अलावा दावा ये किया जा रहा है कि असली शिवलिंग ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में छिपा है. हालांकि अब जब ये सर्वे होगा तब सच्चाई सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या मंदिर को तोड़कर बनाई गई मस्जिद?</strong></p> <p style="text-align: justify;">मुस्लिम पक्षकार का कहना है कि वो मस्जिद में किसी को घुसने नहीं देंगे और वही संत समिति का दावा है कि विरोध इसलिए किया जा रहा है कि क्योंकि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनी है और सर्वे से इसके सबूत पूरी दुनिया के सामने आ जाएंगे. कोर्ट ने इसके लिए वरिष्‍ठ वकील अजय कुमार मिश्र को कोर्ट कमिश्‍नर नियुक्‍त किया है. सर्वे के तहत देखा जाएगा कि श्रृंगार गौरी और दूसरे विग्रह और देवताओं की स्थिति क्‍या है. काशी विश्‍वनाथ मंदिर और उससे लगी ज्ञानवापी मस्जिद के बनने को लेकर तरह-तरह की धारणाएं और कहानियां हैं. हालांकि इन धारणाओं और कहानियों को लेकर कोई प्रमाणिक पुष्टि अभी तक नहीं की जा सकी है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>कब और किसके जमाने में हुआ ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण?</strong></p> <p style="text-align: justify;">कई लोग इस धारणा पर भरोसा जता रहा हैं कि काशी विश्‍वनाथ मंदिर को औरंगजेब ने गिरवा दिया था और इसी की जगह पर मस्जिद बनवाई गई थी. वही कुछ इतिहाकारों का कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण 14 वीं सदी में हुआ था. इस मस्जिद का संबंध जौनपुर के शर्की सुल्‍तानों से भी जोड़ा जा रहा है. लेकिन इतिहास के जानकार इस बात का भी खंडन करते हैं. इसके अलावा काशी विश्‍वनाथ मंदिर के निर्माण का श्रेय राजा टोडरमल को भी दिया जाता है. ज्‍यादातर लोगों का ये कहना है कि औरंगजेब ने मंदिर को नष्ट किया था. वही इस मस्जिद को अकबर के जमाने में या फिर औरंगजेब के जमाने में बनाई गई इसे लेकर भी जानकारों के बीच एक मत नहीं है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>मस्जिद के तहखाने में क्या है?</strong></p> <p style="text-align: justify;">हिंदू पक्ष के लोग यहां बजरंग बली और गणेश जी की मूर्ति होने का दावा कर रहे हैं. साथ ही तहखाने में शिवलिंग के दबे होने की भी बात की जा रही है. जबकि अंजुमन इंतज़ामिया मस्जिद के सदस्य किसी प्राचीन कुएं और उसमें शिवलिंग के छिपे होने की धारणा को भी नकारते हैं.</p> <p style="text-align: justify;">बता दें कि राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक ने 18 अगस्त 2021 को संयुक्त तौर से सिविल कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी और विग्रहों को 1991 की पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपा जाए. सुनवाई के दौरान आठ अप्रैल 2022 को अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया. 20 अप्रैल को निचली अदालत ने सुनवाई पूरी हुई. 26 अप्रैल को निचली अदालत ने <a title="ईद" href="https://ift.tt/ogs7BtA" data-type="interlinkingkeywords">ईद</a> के बाद सर्वे शुरू करने का आदेश दिया था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Azam Khan Bail: आज़म खान की जमानत पर 5 महीने से रुके फैसले पर SC की सख्त टिप्पणी, कहा- 'यह न्यायिक प्रक्रिया का मज़ाक'" href="https://ift.tt/p9UP3oC" target="">Azam Khan Bail: आज़म खान की जमानत पर 5 महीने से रुके फैसले पर SC की सख्त टिप्पणी, कहा- 'यह न्यायिक प्रक्रिया का मज़ाक'</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Allahabad HC On Azan: अजान के लिए मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल 'मौलिक अधिकार' नहीं, विवादों के बीच इलाहाबाद HC का फैसला" href="https://ift.tt/o0YDXc6" target="">Allahabad HC On Azan: अजान के लिए मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल 'मौलिक अधिकार' नहीं, विवादों के बीच इलाहाबाद HC का फैसला</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/I3WrXnU
comment 0 Comments
more_vert