
<p style="text-align: justify;"><strong>Tax On Petrol Diesel:</strong> पेट्रोल डीजल को सस्ता करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने राज्यों के कंधों पर डाल दिया है. जबकि केंद्र सरकार जानती है कि पहले जीएसटी लागू होने और फिर कोरोना महामारी के चलते राज्यों की वित्तीय हालत ठीक नहीं है. बावजूद इसके केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उपभोक्ताओं को महंगे पेट्रोल डीजल से राहत देने के लिए राज्यों से दोनों ईंधन पर वैट घटाने की अपील की है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>8 सालों में पेट्रोल पर 200 तो डीजल पर 530 फीसदी बढ़ा टैक्स</strong><br />पर बड़ा सवाल उठता है कि केंद्र सरकार खुद जो पेट्रोल डीजल पर टैक्स वसूल रही उसे क्यों नहीं घटा रही है. आपको याद दिला दें, 4 नवंबर 2021 से पहले मोदी सरकार पेट्रोल पर 32.90 रुपये और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूल रही थी. 2014 में केंद्र में सत्ता में आने के बाद से जब जब कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई मोदी सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दिया. मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले यूपीए सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल पर 9.20 रुपये और डीजल पर 3.46 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूला जाता था. लेकिन मोदी सरकार ने पेट्रोल पर 23.7 रुपये और डीजल पर 28.34 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दिया. पांच राज्यों में चुनाव को देखते हुए सरकार ने दिवाली के दिन से पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटा दिया. बावजूद इसके मोदी सरकार पेट्रोल पर 27.90 रुपये और डीजल पर 21.80 रुपये एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है. यानि यूपीए सरकार के समय से पेट्रोल पर 200 फीसदी और डीजल पर 530 फीसदी ज्यादा. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>केंद्र सरकार पहले पहल क्यों नहीं करती?</strong> <br />जनवरी 2022 से कच्चे तेल के दामों में रूस यूक्रेन युद्ध के चलते तेजी आई तो कच्चा तेल 130 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर जा पहुंचा. जिसके बाद सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल डीजल के दामों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर चुके हैं. यानि दिवाली पर जो राहत दी गई थी सरकार ने उसे वापस ले लिया लेकिन पेट्रोल डीजल पर सरकार ने एक्साइज ड्यूटी नहीं घटाया. और पेट्रोलियम मंत्री राज्यों से वैट घटाने को कह रहे हैं. सवाल उठता है केंद्र सरकार खुद एक्साइज ड्यूटी घटाकर इसकी पहल क्यों नहीं करती जिससे वो राज्यों के सामने वैट घटाने को लेकर नजीर पेश कर सके. राज्यों के हाथ इसलिए भी बंदे हैं क्योंकि राज्यों के पास राजस्व जुटाने के साधन सीमित हैं. ये भी याद रखना चाहिए कि जब 4 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की तो उसके बाद राज्यों ने भी वैट घटाया था. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>टैक्स घटाने से कम होगी महंगाई</strong> <br />आम आदमी वैसे ही कमरतोड़ महंगाई से परेशान है. 17 महीने के उच्चतम स्तर पर आया खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा इसकी गवाही दे रहा है. केंद्र सरकार अगर पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी करती है तो इससे महंगाई पर कुछ हद तक लगाम लगेगी और राज्यों पर वैट घटाने का दवाब बनेगा. </p> <p><strong>ये भी पढ़ें</strong></p> <p><a href="
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