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Republic Day 2022: माइनस 2 डिग्री की ठंड और 55 डिग्री का तापमान भी नहीं डिगा पाते कदम, जैसलमेर में ऐसे सरहद की रखवाली करती है BSF

Republic Day 2022: माइनस 2 डिग्री की ठंड और 55 डिग्री का तापमान भी नहीं डिगा पाते कदम, जैसलमेर में ऐसे सरहद की रखवाली करती है BSF
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<p style="text-align: justify;">यूं तो अपने देश के सिपाहियों को याद करना और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता दिखाना किसी एक दिन के लिए सीमित नहीं होना चाहिए. लेकिन फिर भी राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर उनके त्याग, बलिदान और साहस की कहानियां सुनकर गर्व महसूस करना अपने आप में एक अलग एहसास है.</p> <p style="text-align: justify;">ऐसा ही कुछ अनुभव करने के लिए और आप तक अपने योद्धाओं की कहानी पहुंचाने के लिए ABP News की टीम निकल पड़ी जैसलमेर के लिए.</p> <p style="text-align: justify;">देश की राजधानी दिल्ली से हजार किलोमीटर से ज़्यादा की दूरी तय कर हम आ पहुंचे थार के रेगिस्तान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर पहरा दे रही BSF की एक बटालियन के साथ एक दिन बिताने के लिए. &nbsp; &nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/3IH6QUH Day 2022: राजपथ बना 'शक्तिपथ', जमीन से आसमान तक दिखी भारत के सैन्य और संस्कृति की झलक</a></strong></p> <p style="text-align: justify;">BSF यानी सीमा सुरक्षा बल को भारत की सीमाओं का पहला पहरेदार भी कहा जाता है. भारत के पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ सटे बॉर्डर को पहली पंक्ति में खड़े रहकर सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की ही है. पाकिस्तान के साथ राजस्थान के बॉर्डर पर तैनात हमारे BSF के जवान दिन में 55 डिग्री की धूप हो या रात में -2 डिग्री की ठंड, हर वक्त, हर पल फेंस के साथ साथ पहरेदारी करते हैं.</p> <p><iframe title="YouTube video player" src="https://www.youtube.com/embed/MCKkM2DCTCI" width="560" height="315" frameborder="0" allowfullscreen="allowfullscreen"></iframe></p> <p style="text-align: justify;">&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">फुट पेट्रोलिंग और जीप पेट्रोलिंग के साथ-साथ रेगिस्तान के हवाई जहाज़ कहे जाने वाले ऊंटों को भी BSF के सिपाही पेट्रोलिंग में इस्तेमाल करते हैं. Camel पेट्रोलिंग के लिए जैसी ही हमारी टीम तैयार हुई, कंपनी कमांडर साहब का ऊंट थोड़ा आक्रामक हो गया और उस पर बैठे कैमल कंट्रोलर को गिरा दिया. उस वक़्त समझ आया कि 'ऊँट किस करवट बैठ जाए' महज़ एक कहावत ही नहीं, हक़ीक़त है.</p> <p style="text-align: justify;">लेकिन थार रेगिस्तान जैसे मुश्किल भूभाग में ऊंट एक ऐसा सिपाही है, जो सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. ऊंट पर बैठ कर दस फुट की ऊंचाई से दूर-दूर तक देख पाना एक बहुत बड़ा एडवांटेज है. कठिन परिश्रम करने वाले ये देश के ये साहसी वीर ही हैं, जिनके लिए कोई भी चुनौती इतनी बड़ी नहीं होती कि वो उनकी देश भक्ति को हिला सके.</p> <p style="text-align: justify;">कंपनी कमांडर इंदरजीत सिंह ने बताया, "ऊंट हमारी पेट्रोलिंग का एक अहम हिस्सा हैं. एरिया डोमिनेशन और एरिया ऑब्ज़र्वेशन के लिए ऊंट की ऊंचाई से काफी फ़ायदा मिलता है और जिस क्षेत्र में हमारे जवान पैदल जाने में सक्षम न हों, वहां कैमल पेट्रोलिंग काफी प्रभावी रहती है."</p> <p style="text-align: justify;">कैमल पेट्रोलिंग के बाद, हम अपने सीमा प्रहरियों के साथ निकल पड़े फुट पेट्रोलिंग के लिए. ये जान लीजिये कि एक टूरिस्ट के तौर पर सैंड डून्स पर घूमना और एक सिपाही के तौर पर दस किलो का भार और अपनी राइफल को कंधे पर रख कर सीमा चौकसी करना बेहद अलग है.</p> <p style="text-align: justify;">फुट पेट्रोलिंग में हमारे साथ BSF की महिला प्रहरी भी थीं. उनसे बात करके पता चला कि BSF में महिला प्रहरी, बॉर्डर पर वो सभी ऑपरेशनल ड्यूटी करती हैं, जो उनके पुरुष साथी करते हैं. नाइट पेट्रोलिंग हो या वेपन ट्रेनिंग, महिला प्रहरी हर काम में अपने साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं.</p> <div class="article-data _thumbBrk uk-text-break"> <h4 class="article-title "><a href="https://ift.tt/3KFX5Ix Day 2022: राजपथ पर वायुसेना के विमानों की गर्जना, राफेल-सुखोई-जगुआर समेत इन फाइटर जेट्स ने दिखाई धमक</a></h4> </div> <p style="text-align: justify;">हमने बात की कांस्टेबल चरण मीणा से जो BSF में सात साल से हैं. चरण कहती हैं, "एक महिला होकर अपने देश की सीमा सुरक्षा की प्रथम पंक्ति में जुड़ना उनके लिए गर्व की बात है." लेकिन एक सिपाही भर्ती के बाद सीधा सीमा पर नहीं पहुंचता, उसे कड़े शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण के साथ ही वेपन्स ट्रेनिंग से भी गुज़रना पड़ता है.</p> <p style="text-align: justify;">डिप्टी कमांडेंट विष्णु धर मिश्रा कहते हैं, "एक सिपाही जब BSF में भर्ती होकर आता है तो नौ महीने के कठिन बुनियादी प्रशिक्षण से गुज़रता है. &nbsp;उसके बाद वो अपनी बटालियन में रिपोर्ट करता है और यहां उसे फिर 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है. सीमा पर चौकसी करते वक्त एक सिपाही दुश्मन की हर चाल समझने के लिए पूरी तरह तैयार रहता है."</p> <p style="text-align: justify;">दिन भर ट्रेनिंग और पेट्रोलिंग में कड़ी मेहनत करने के बाद शाम के वक़्त सिपाहियों और अफसरों को जब कुछ फुर्सत के पल मिलते हैं तो वो स्पोर्ट्स और मनोरंजन के ज़रिये एक-दूसरे के साथ कुछ हलके पल भी बिताते हैं. वॉलीबॉल के गेम और बॉन फायर के पास गाने और नाचने के साथ ही हमारा दिन भी BSF के इस कैंप में समाप्त हो गया.</p> <p style="text-align: justify;">बॉर्डर फिल्म के गाने, "संदेसे आते हैं"... पर थिरकते इन जवानों से हमने न सिर्फ देश भक्ति की सीख ली बल्कि ये भी सीखने को मिला कि हर हाल में खुश कैसे रहा जाता है.</p> <h4 class="article-title "><a href="https://www.abplive.com/elections/up-election-candidates-facing-strong-protest-in-constituencies-during-poll-campaign-2047231">दौड़ा दौड़ा भागा भागा सा: चुनावी दौड़ में क्या उतरे नेताजी, जनता ने वोटिंग से पहले ही इनको इलाक़े में दौड़ाया</a></h4> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/2Y4VX99

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