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9 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग, केंद्र का जवाब दाखिल न होने पर नाराज़ SC ने लगाया जुर्माना

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<p style="text-align: justify;"><strong>Supreme Court Fine On The Center:</strong> राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (Minorities Commission) के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार का जवाब अब तक न आने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने असंतोष जताया है. कोर्ट ने आज केंद्र सरकार पर 7500 रुपए का सांकेतिक जुर्माना लगाया. कोर्ट ने जिस मामले में यह जुर्माना लगाया है, उसे वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय (BJP Leader Ashwini Upadhyay) ने दाखिल किया है. याचिका में हर राज्य में आबादी के हिसाब से अल्पसंख्यकों (Minorities) के निर्धारण की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने 1992 के नेशनल माइनॉरिटी कमीशन एक्ट और 2004 के नेशनल माइनॉरिटी कमीशन एजुकेशन इंस्टिट्यूशन एक्ट को चुनौती दी है.</p> <p style="text-align: justify;">याचिकाकर्ता का कहना है कि कई राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं. लद्दाख में हिंदू आबादी 1 प्रतिशत है. मिज़ोरम में 2.75 प्रतिशत, लक्ष्यदीप में 2.77 प्रतिशत, कश्मीर में 4 प्रतिशत, नागालैंड में 8.74 प्रतिशत, मेघालय में 11.52 प्रतिशत, अरुणाचल में 29.24 प्रतिशत, पंजाब में 38.49 और मणिपुर में 41.29 प्रतिशत हिंदू आबादी है. लेकिन फिर भी सरकारी योजनाओं को लागू करते समय उन्हें अल्पसंख्यकों के लिए तय कोई लाभ नहीं मिलता.</p> <p style="text-align: justify;">याचिका में 2002 के टीएमए पई बनाम कर्नाटक मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया गया है. तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी इलाके में जो लोग संख्या में कम हैं उन्हें संविधान के अनुच्छेद 30 (1) के तहत अपने धर्म और संस्कृति के संरक्षण के लिए स्कूल, कॉलेज खोलने का हक है. उपाध्याय का कहना है कि जिस तरह पूरे देश में अल्पसंख्यक चर्च संचालित स्कूल या मदरसा खोलते हैं, वैसी इजाज़त हिंदुओं को भी 9 राज्यों में मिलनी चाहिए. इन स्कूलों को विशेष सरकारी संरक्षण मिलना चाहिए.</p> <p style="text-align: justify;">राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त 2020 को नोटिस जारी किया था. पिछले साल फरवरी में अल्पसंख्यक आयोग के गठन को चुनौती पर भी सरकार से जवाब मांगा था. इस साल 7 जनवरी को कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया था.</p> <p style="text-align: justify;">आज केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल के एम नटराज ने जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया कि जवाब तैयार किया जा रहा है. इसमें 2 सप्ताह का समय लगेगा. इस पर असंतोष जताते हुए जजों ने मंत्रालय पर 7500 रुपए का सांकेतिक जुर्माना लगा दिया. मामले की अगली सुनवाई मार्च में होगी.</p> <p style="text-align: justify;"><a title="Budget 2022: सेना ने सरकार को सौंपी 'विशलिस्ट', पाक-चीन से सीमा विवाद के बीच कितना बढ़ेगा बजट?" href="https://ift.tt/m7jMGwz1Z" target=""><strong>Budget 2022: सेना ने सरकार को सौंपी 'विशलिस्ट', पाक-चीन से सीमा विवाद के बीच कितना बढ़ेगा बजट?</strong></a></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/WN9o3RTzd